Bhediya Aaya Bhediya Aaya – भेड़िया आया की कहानी – पंचतंत्र की कहानी

एक गांव में एक गडरिया रहता था। वह रोज गांव के पास स्थित पहाड़ी पे भेड चराने जाया करता था।

पर वह इस काम को बार बार करके बहुत बोर हो गया था। एक दिन उसने एक मजाक करने की सोची

वह पहांड की ऊपर से जोर से चिल्लाया “भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया भेड़ को खा जायेगा !”

” मुझे बचाओ – भेड़िया आया भेड़िया आया (Bhediya Aaya Bhediya Aaya) “

जब ग्रामीणों ने चीख सुनी, तो वे भेड़िये को भगाने के लिए पहाड़ी पर दौड़ते हुए आए।

लेकिन, जब गांव वाले वहां पहुंचे, तो उन्होंने कोई भेड़िया नहीं देखा। उनके गुस्से वाले चेहरों को देखकर गडरिया खुश हो गया।

गांव वालो ने गडरिये को बहुत डांटा और उसे वापस ऐसा करने से मन किया।

कुछ दिन बीत गए।

एक दिन वह गडरिया फिर से मजाक करने के विचार से चिल्लाया – ” मुझे बचाओ – भेड़िया आया भेड़िया आया (Bhediya Aaya Bhediya Aaya) ” ‘भेड़िया भेड़ को खा जायेगा !”

गाओं वाले फिर से दौड़ते हुए पहांड पे आ गए।

जब उन्होने देखा की वह गडरिया मजाक कर रहा है तो उन्हें काफी गुस्सा आया और उस गडरिये को काफी बुरा भला कहा और उसे वापस या न करने की चेतावनी दी।

एक दिन पहाड़ी पे सही में एक भेड़िया आ गया।

गडरिया जितना जोर से चिल्ला सकता था, चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! मुझे बचाओ – भेड़िया भेड़ को खा जायेगा ! भेड़िया आया भेड़िया आया ”

लेकिन ग्रामीणों ने सोचा कि वह उन्हें फिर से बेवकूफ बना रहा है, और इसलिए वे मदद के लिए नहीं आए।

सूर्यास्त के समय, जब वह गडरिया वापस गांव नहीं पहुंचा तो गांव के लोग उस गडरिया की तलाश में पहंद पर गए ।

जब वे पहाड़ी पर गए, तो उन्होंने उसे रोते हुए पाया।

गडरिया बोला की इस बार सही में एक भेड़िया आया था और वह उसने भेड़ों को खा गया।

तब एक तब गांव के एक बुजुर्ग ने उससे कहा – “झूठे पर कोई विश्वास नहीं करता, भले ही वह सच कह रहा हो!”


तो इस कहानी (भेड़िया आया- भेड़िया आया ) से हमें क्या सीख मिलती है ?

झूठ से विश्वास टूट जाता है – भले ही आप सच कह रहे हों, कोई भी झूठ पर विश्वास नहीं करता है।

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