Everything for little ones – Toys, Toy reviews, Traditional Toys and more…

Cinderella Ki Kahani in hindi – सिंड्रेला की कहानी

Cinderella Ki Kahani chapter 1- बहुत समय पहले की बात है , एक देश में सिंड्रेला नाम की सुंदर लड़की रहती थी। सिंड्रेला बहुत ही सुन्दर तो थी ही पर उसके साथ साथ बहुत समझदार और दयालु थी।

सिंड्रेला इस माता का निधन बचपन में ही हो गया था। सिंड्रेला के पिता ने दूसरी शादी कर थी उसके बाद एंड सिंड्रेला अपनी सौतेली माँ और सौतेली बहनो के साथ रहा करती थी. सिंड्रेला की २ सौतेली बहने थीं।

उनकी सौतेली माँ और बहने उसे बिलकुल पसंद नहीं करती थी और वो सिंड्रेला की सुंदरता और समझदारी से जला करती थीं। इसलिए उन्हें सिंड्रेला बिलकुल पसंद नहीं थी।


Cinderella Ki Kahani chapter 2 -एक दिन सिंड्रेला के पिता को किसी काम से शहर के बाहर जाना पड़ा। जाना जरूरी था इसलिए वो सिंड्रेला के कहने पर भी नहीं रुके।

सिंड्रेला के पिता के शहर जाने के बाद उसकी सौतेली माँ और बहनो ने उसके साथ बुरा वर्ताव करना शुरू कर दिया।

उन्होंने उसको पहनने के लिए नौकरानियों वाले कपड़े दिए और उससे घर का सारा काम करवाने लगे। वो उससे अछि तरह से बात न करते और उसे खूब भला बुरा कहते। सिंड्रेला काफी परेशान होने लगी।

वो उससे खाना बनवाते और घर की सफाई करने को बोलते। घर में झाड़ू पोछा करने को बोलते और भी बाकि काम करवाते।

उन्होंने उससे उसका कमरा जिसमे वह रहती थी, वह भी छीन लिया था और उसे घर के एक स्टोर रूम में रहने के लिए जगह दिया था। उसका दिन काफी बुरा गुजरने लगा था और उसको उनकी बात मानने के सिवा कोई चारा नहीं था।

सिंड्रेला दिन भर घर का काम करती थी और रात को स्टोर रूम में चली जाती थी।

वहां स्टोर रूम में कुछ चूहे रहते थे और स्टोर रूम में एक खिड़की थी जिसके बहार एक पेड़ था। पेड़ के ऊपर कुछ पंछी रहते थे।

वो सब सिंड्रेला के दोस्त बन गए थे और सिंड्रेला उनसे बात किया करती थी।


Cinderella Ki Kahani chapter 3-जिस देश में सिंड्रेला रहती थी, वहां के राजा ने एक दिन शहर में ये घोषणा करवाई की वो राजकुमार की शादी के लिए समारोह आयोजित करना चाहते हैं। सभी देश वाशियों को यह घोषणा की गयी।

इस समारोह में उन्होंने उन सब युवतियॉं को आमंत्रित किया जो विवाह योग्य हैं।

सिंड्रेला की बहनों को भी इस आयोजन का पता चला। और वो दौड़ती हुई अपने माँ के पास पहुंची और इस घोषणा के बारे में बताया।

उनकी माँ ने उन दोनों को इस समारोह में भेजने का फैसला किया। उनकी माँ ने कहा की वो उन दोनों को इस तरह से तैयार करेंगी की समारोह में सबसे सुन्दर वही दोनों लगेंगी।

इस समारोह के बारे सिंड्रेला ने भी सुना और उसके मन में भी समारोह में जाने की इच्छा हुई.पर वह इस बारे में अपनी सौतेली माँ से पूछ नहीं पायी क्योंकि उसे उनसे पूछने में दर लग रहा था।

सिंड्रेला की सौतेली मां और बहने समारोह में जाने की तैयारी करने लगीं। वो वह जाने के लिए ढेर साडी खरीदारी करने लगीं। ‘

उन्होंने नए कपड़े सिलवाए और नए जूते भी खरीद लिए। वो दोनों बहने हर रोज इस बात का अभ्यास करती थीं कि जब वो राजकुमार से मिलेंगी, तो क्या बात करेंगी और कैसे बात करेंगी।


Cinderella Ki Kahani chapter 4-फिर वो दिन भी आ गया जिस दिन समारोह होना था । दोनों बहने समारोह में जाने के लिए बहुत उत्साहित थीं।

उन दोनों ने सुबह से ही समारोह में जाने के लिए सब तैयारी शुरू कर दी थी। सिंड्रेला घर का सारा काम करती रही और अपने बहनों की मदद भी करती रही ।

उसने अपने बहनों को तैयार करने में काफी मदद की। अपनी बहनों को तैयार करने के बाद सिंड्रेला ने सोचा की वो भी क्यों न इस समारोह में जाये। तो बहुत हिम्मत करके उसने अपनी माँ से पुछा की क्या वो भी समारोह में जा सकती है।

यह सुनकर उसकी माँ और बहने हसने लगीं। वो बोली की – राजकुमार को अपने लिए पत्नी चाहिए, नौकरानी नहीं। और यह कह कर वो तीनों वहां से चली गईं।

इससे सिंड्रेला काफी उदास हो गई और रोने लगी। वो बैठी कुछ सोच रही थी की तभी कहीं दूर से एक रौशनी प्रकट हुई और उसमे से एक पारी निकली। पारी सिंड्रेला के पास आयी और उससे उसके दुखी होने का वजह पूछा।

सब सुंनने के बाद वह पारी बोली की – मेरी प्यारी सिंड्रेला तुम्हे दुखी होने के जरूरत नहीं है , मैं तुम्हे उस समारोह में भेजने का इंतजाम कर दूँगी और तुम उस समारोह में भाग ले पाओगी। बस मुझे एक कद्दू और ५ चूहे ला के दे दो ” .

सिंड्रेला को कुछ समझ नहीं आ रहा था , पर उसने वैसा ही किया जैसा पारी ने उससे करने को कहा। वह रसोई से एक बड़ा सा कद्दू उठा के ले आये और स्टोर रूम से अपने ५ मित्र चूहों को बुला लाई।

उस पारी ने अपनी जादूई छड़ी से उस कद्दू को एक सुन्दर ही बग्घी में बदल दिया और उन चूहों को घोड़े में और इस तरह से एक सुंदर बग्घी तैयार थी।

फिर उस पारी ने अपनी जादूई छड़ी से सिंड्रेला को एक बहुत ही सुन्दर सा गाउन पहना दिया और उसे एक बहुत ही सुन्दर राजकुमारी के तरह सजा दिया। सिंड्रेला को अपनी आँखों पे विश्वाश ही नहीं हो रहा था। वह सच मच एक राजकुमारी लग रही थी.

परी ने सिंड्रेला से कहा की वो अब समारोह में जा सकती है पर उसे रात को १२ बजे से पहले वापस आना पड़ेगा क्योंकि रात को १२ बजे के बाद जादो का असर ख़तम हो जायेगा।


Cinderella Ki Kahani chapter 5- जब सिंड्रेला महल में पहुंची तो सब की निगाहें उसपे जा टिकी ।

उसकी सौतेली मां और बहने भी वहां मौजूद थी , लेकिन वो सिंड्रेला को पहचान नहीं पाईं। कुछ देर के इंतज़ार के बाद राजकुमार सीढ़ियों से उतरते हुए हॉल में नीचे आये। सब लोग उन्ही को देख रहे थे।

लेकिन जैसे ही राजकुमार की नजर सिंड्रेला पर पड़ी, वे उसे देखते ही रह गए। समारोह में बहुत से लोग मजूद थे। लेकिन राजकुमार सीधे सिंड्रेला के पास आए और अपना हाथ उसकी ओर बढ़ाते हुए कहा कि राजकुमारी, क्या आप मेरे साथ डांस करना पसंद करेंगी?

सिंड्रेला ने शर्माते हुए अपना हाथ राजकुमार के हाथ में दे दिया और दोनों डांस करने लगे। सिंड्रेला और राजकुमार बहुत देर तक डांस करते रहे और करते करते वो इतना खो गए की उन्हें समय का ख्याल ही नहीं रहा।

तभी सिंड्रेला की नजर दीवार पर लगी घड़ी पर गई।

12 बजने वाले थे और सिंड्रेला को परी की बात याद आ गई की १२ बजे के बाद जादो का असर ख़तम हो जायेगा। ये याद आते ही सिंड्रेला घबरा गयी और वहां से भाग निकली।

सिंड्रेला को इस तरह अचानक जाता देख राजकुमार को आश्चर्य हुआ और वो भी उसके पीछे-पीछे गए । हड़बड़ी में दौड़ने की वजह से सिंड्रेला का एक जूता निकल गया और वहीँ छूट गया। पर वो फटाफट अपनी बग्गी में बैठी और घर लौट गई।

जब सिंड्रेला को ढूंढते हुए राजकुमार बाहर आए, तो उन्हें बाग में सिंड्रेला का जूता मिला। यह देखकर राजकुमार ने निश्चय किया कि वो सिंड्रेला को ढूंढकर ही रहेंगे।


Cinderella Ki Kahani chapter 6 -अगले दिन राजकुमार ने अपने सिपाहियों को बुलाया और उन्हें जूता थमाते हुए कहा कि शहर के हर घर में जाओ और समारोह में आई हर लड़की को यह जूता पहना कर देखो। जिसके भी पैर में यह जूता आ जाए, उसे यहां ले आओ।

सिपाहियों ने जैसा कहा गया था किया। वे शहर के हर घर में गए और समारोह में आई हर लड़की से मिले और उनको जूता पहना कर देखा।

किसी लड़की को जूता छोटा पड़ रहा था और किसी को बड़ा पड़ा । सारा शहर घूमने के बाद, सिपाही सिंड्रेला के घर पहुंचे।

जब सिंड्रेला ने सिपाहियों को देखा तो उसे लगा की शायद वो उसे खोजते हुए ही वहां आये हैं। वो उनसे मिलने के लिए घर के दरवाजे की तरफ दौड़ी।

पर उसकी सौतेली माँ ने उसका रास्ता रोक लिया और पुछा के वो उनसे मिलने क्यों जा रही है। सिपाही उस लड़की को खोजने आये हैं जो मौजूद थी। ऐसा कह कर उसकी माँ ने उसे वापस स्टोर रूम में ले जाके बंद कर दिया। सिंड्रेला बहुत रोई।

जब सिपाही जूता लेकर घर में आए तो उन्होंने उन दोनों बहनों को जूता पहनने को कहा। पर वह जूता दोनों में किसी को फिट नहीं हुआ ।

उधर सिंड्रेला निराश होक रो रही थी उसे रोता देख, उसके चूहे मित्रों ने कुछ करने का सोचा ।

चूहा दरवाजे के नीचे से निकल कर दौड़ते हुए नीचे गया और चुपके से सौतेली मां की जेब से चाबी निकाल लाया और सिंड्रेला को दे दी।

सिंड्रेला चाभी मिलने से काफी खुश हुई और ताला खोल कर नीचे की तरफ भागी।

सिपाही महल की ओर लौट ही रहे थे कि तभी उन्हें सिंड्रेला की आवाज आई, “ये जूता मेरा है ।”

यह सुनकर सौतेली मां और बहने हंसने लगीं, लेकिन फिर भी सिपाहियों ने सिंड्रेला को जूता पहना के देखा । जैसे ही उसने पैर जूते में डाला, वह आसानी से उसके पैर में फिट हो गया।

सिपाही सिंड्रेला को बग्गी में बिठा कर महल में ले गए। राजकुमार सिंड्रेला को देख कर बहुत खुश हुए।

राजकुमार ने सिंड्रेला के सामने शादी का प्रस्ताव रखा। सिंड्रेला ने प्रसन्नता से प्रस्ताव स्वीकार कर लिया।

इस तरह राजकुमार और सिंड्रेला की शादी हो गई और वो हमेशा खुशी-खुशी महल में रहने लगे।


सो दोस्तों उम्मीद करते हैं की आपको ये Cinderella Ki Kahani पसंद आई होगी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *